आरती बाबा कालीवीर जी की
ओम जय कालीवीरा ,स्वामी जय कालीवीरा ,
मन में जोत जगाकर ,तन को करे हीरा ‖૧‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
सूरज तट पर नगरी ,जिसमें जन्म लिया ,
कश्मीर की धरती ,जिस को स्वर्ग किया ‖२‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
कालीपुत्र दयालु ,गल में हीरा सोहे ,
पांच रंग की पगड़ी ,सांवली छवि मोहे ‖३‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
कालचक्र सम घोड़ा ,जिसकी सवारी करे ,
दुःख भक्तों के काटे ,हाथ कटारी धरे ‖४‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
तेज तुम्हारा अतुलित ,शक्ति असीम बनी ,
लेकर वासुकि आए ,अद्भुत मणि ‖५‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
फूल और वृक्ष प्यारे ,बागों की रसिया ,
सुंदर शोभा न्यारी ,भक्तों के मन बसिया ‖६‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
लोहे के झुन्डे सोभें ,सांकल की बधाई चढ़े ,
किरपा तेरी पाकर ,वंश की बेल बढ़े ‖७‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
दुष्ट दलन की खातिर ,कलजुग अवतार लिया ,
जिसने भक्ति किन्हीं ,उसका उद्धार किया ‖८‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
पापी असुर संहारे ,चुन - चुन कर मारे ,
भक्तों के रखवारे,तुम कभी नहीं हारे ‖९‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
सुंदर बाग में भ्र्मता श्यामसुंदर वनमाली ,
झोली में खुशियां भर दे गृहस्थी का माली ‖१০‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
जगमग छवि तुम्हारी ,मन अति प्यारी लगे ,
जहाँ हो तुम्हारी आरती ,कष्ट - कलेश भगे
११
‖
‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
प्रेम सहित जो गावें ,उनका उद्धार किया ,
सुख ,संपत्ति ,धन देकर , उनको तार दिया
‖
१२
‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
ज्ञान -भक्ति के दाता ,विद्यादान करो ,
कर्म की ज्योति जगाओ ,किरपा से झोली भरो
‖
१३
‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
कालीदेव जी की आरती जो कोई जन गावे ,
सुख - आनंद सुहावे ,मन वांछित फल पाव
‖
१४
‖ ॐ जय कालीवीरा। .....
Source : Sufi Post
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